माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा जारी कक्षा 12वीं के विज्ञान वर्ग के परीक्षा परिणाम ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और असाधारण प्रतिभा किसी बड़े शहर या लाखों की फीस की मोहताज नहीं होती। हमारे विवेकानंद पब्लिक स्कूल, जाखड़ावाली में अध्ययनरत, पास के छोटे से कस्बे 18 SPD के होनहार छात्र कमलेश सुथार ने 98.60% अंक प्राप्त कर न केवल अपने कस्बे और स्कूल का नाम रोशन किया है, बल्कि राज्य में 7वाँ स्थान हासिल कर उन सभी धारणाओं को भी गलत साबित कर दिया है, जो बड़े और महंगे स्कूलों को ही सफलता की कुंजी मानती हैं।
यह उपलब्धि और भी खास हो जाती है जब हम इसकी तुलना राज्य और देश में अपनी अलग पहचान रखने वाले प्रिंस स्कूल, सीकर से करते हैं। प्रिंस स्कूल, जिसकी फीस लाखों रुपयों से शुरू होती है, इस वर्ष विज्ञान वर्ग में अपना उच्चतम परिणाम 98.80% बताता है। लेकिन, हमारे कमलेश सुथार ने, विवेकानंद पब्लिक स्कूल की मामूली फीस में अध्ययन करते हुए, 98.60% अंक प्राप्त कर, इस प्रतिष्ठित संस्थान के लगभग बराबर प्रदर्शन किया है। यह केवल 0.20% का अंतर शिक्षा की गुणवत्ता में नहीं, बल्कि एक बड़े सपने को साकार करने की शक्ति में है।

यह उपलब्धि और भी खास हो जाती है जब हम इसकी तुलना राज्य और देश में अपनी अलग पहचान रखने वाले प्रिंस स्कूल, सीकर से करते हैं। प्रिंस स्कूल, जिसकी फीस लाखों रुपयों से शुरू होती है, इस वर्ष विज्ञान वर्ग में अपना उच्चतम परिणाम 98.80% बताता है। लेकिन, हमारे कमलेश सुथार ने, विवेकानंद पब्लिक स्कूल की मामूली फीस में अध्ययन करते हुए, 98.60% अंक प्राप्त कर, इस प्रतिष्ठित संस्थान के लगभग बराबर प्रदर्शन किया है। यह केवल 0.20% का अंतर शिक्षा की गुणवत्ता में नहीं, बल्कि एक बड़े सपने को साकार करने की शक्ति में है।
18 SPD का अटूट विश्वास और विवेकानंद पब्लिक स्कूल का योगदान
18 SPD एक ऐसा कस्बा है जिसके छात्र-छात्राएं हमेशा से पढ़ाई में काफी होनहार रहे हैं। इस छोटे से कस्बे ने शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, और यहाँ से बहुत सारे युवा आज विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। इस सफलता में विवेकानंद पब्लिक स्कूल, जाखड़ावाली का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है।
कस्बे के लोग हमारे विद्यालय के प्रति हमेशा से काफी सकारात्मक व्यवहार रखते हैं और हमारी शिक्षा प्रणाली पर आँख मूंदकर विश्वास करते हैं। वे जानते हैं कि हम अपने छात्रों के भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, कुछ लोग, अधिक अंकों की चाह में या शहरी चकाचौंध से प्रभावित होकर, अपने बच्चों को घर से दूर महंगे शहरों के स्कूलों में भेज रहे थे।
कमलेश सुथार: एक प्रेरणादायक उदाहरण
कमलेश सुथार ने आज यह साबित कर दिया है कि सफलता के लिए लाखों रुपये खर्च कर बड़े-बड़े स्कूलों में जाने की बजाय, एक अच्छे शिक्षण संस्थान पर भरोसा करना बेहतर है। उसने दिखा दिया कि लाखों रुपये देकर वह सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती जो एक अच्छे शिक्षण संस्थान के मार्गदर्शन से प्राप्त की जा सकती है। कमलेश की यह उपलब्धि विवेकानंद पब्लिक स्कूल के सभी कार्मिकों और विशेष रूप से कमलेश सुथार की अथक मेहनत का परिणाम है, जिसने इस पुरानी धारणा को गलत साबित कर दिया है।
कमलेश ने सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे 18 SPD कस्बे का नाम पूरे राज्य भर में रोशन किया है और यह दर्शाता है कि 18 SPD के छात्र-छात्राएं, विवेकानंद पब्लिक स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर, न केवल अपने कस्बे का नाम चमका रहे हैं, बल्कि पूरे राज्य में अपनी शैक्षणिक श्रेष्ठता का परचम लहरा रहे हैं।
विवेकानंद पब्लिक स्कूल: जहाँ सपनों को मिलती है उड़ान
विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली अपने छात्रों को किफायती फीस में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम मानते हैं कि हर बच्चे को उसकी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलना चाहिए, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। कमलेश सुथार जैसे हमारे अनगिनत छात्रों ने यह साबित किया है कि सही मार्गदर्शन, लगन और एक समर्पित शिक्षण संस्थान के साथ, आप किसी भी बड़ी चुनौती को पार कर सकते हैं और ऊंचे आयाम प्राप्त कर सकते हैं।
क्या आप भी अपने बच्चे के लिए ऐसी शिक्षा चाहते हैं जो उसे भीड़ से अलग खड़ा करे और उसे भविष्य के लिए तैयार करे, बिना लाखों का बोझ डाले? विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली में आपका स्वागत है।