आज जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के कक्षा 12वीं के विज्ञान वर्ग के परीक्षा परिणाम जारी हुए हैं, तो एक बार फिर विवेकानंद पब्लिक स्कूल, जाखड़ावाली ने अपनी असाधारण शैक्षणिक उपलब्धि से सबको चौंका दिया है।

अक्सर हम सुनते हैं कि बड़े शहरों के नामी संस्थान, लाखों की फीस लेकर ही सर्वोच्च परिणाम देते हैं। इनमें से एक प्रमुख नाम है प्रिंस स्कूल, सीकर, जो राज्य ही नहीं, पूरे देश में अपनी पहचान रखता है और जिसकी फीस लाखों रुपयों से शुरू होती है।
इस वर्ष उनका सर्वोच्च विज्ञान वर्ग का परिणाम 98.80% रहा है।और यहाँ, हमारे विवेकानंद पब्लिक स्कूल, जाखड़ावाली का विज्ञान वर्ग का परिणाम रहा है 98.60%!
जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। एक ऐसा विद्यालय जो ग्रामीण परिवेश में स्थित है, जिसकी फीस इन बड़े शहरों के नामी-गिरामी स्कूलों की तुलना में नगण्य है, उसने परिणाम के मामले में प्रिंस स्कूल, सीकर जैसे दिग्गज संस्थान के लगभग बराबर प्रदर्शन किया है।
यह सिर्फ एक प्रतिशत के आंकड़े का खेल नहीं है, यह एक क्रांति है – यह इस बात का प्रमाण है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उत्कृष्ट परिणाम केवल महंगे संस्थानों तक ही सीमित नहीं हैं।
कीमत बनाम कामयाबी: एक नया मापदंड
यह तुलना केवल संख्याओं की नहीं, बल्कि एक दर्शन की है। प्रिंस स्कूल, सीकर जैसे संस्थान अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं और व्यापक संसाधनों के लिए जाने जाते हैं, जो लाखों रुपये की फीस से संभव हो पाते हैं।
वहीं, विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली, सीमित संसाधनों और अत्यधिक समर्पण के साथ, लगभग उन्हीं ऊंचाइयों को छू रहा है।
यह हमारे विद्यालय के प्रत्येक स्टाफ सदस्य की अथक मेहनत का परिणाम है। हमारे शिक्षकों ने न केवल पाठ्यक्रम पढ़ाया है, बल्कि प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत रूप से मेंटर किया है, उनकी कमजोरियों पर काम किया है और उनकी शक्तियों को निखारा है।
हमारे छात्रों ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा, लगन और सही मार्गदर्शन के आगे कोई भी आर्थिक या भौगोलिक बाधा टिक नहीं सकती।
ग्रामीण प्रतिभाओं को मिला मंच: एक ऐतिहासिक जीत
हम जानते हैं कि अक्सर कक्षा 10वीं में 90-95% अंक प्राप्त करने वाले छात्र शहरों की चकाचौंध वाली संस्थाओं की ओर रुख कर लेते हैं, यह सोचकर कि तभी उन्हें बेहतर अवसर मिलेंगे। हमारे पास आमतौर पर वे छात्र रह जाते हैं जिन्होंने कक्षा 10वीं में 85-90% अंक हासिल किए होते हैं।
शहरी विद्यालय अक्सर हमारी संस्था की मेहनत का श्रेय ले जाते हैं, क्योंकि वे हमारे द्वारा तराशे गए छात्रों को अपनी कक्षाओं में पाकर अपने परिणामों में सुधार दिखाते हैं।लेकिन इस बार, कक्षा 12वीं के परिणाम में वे छात्र शामिल थे, जिन्होंने कक्षा 10वीं में 94% अंक प्राप्त किए थे।
यह परिणाम इस बात का गवाह है कि विवेकानंद पब्लिक स्कूल में आने के बाद, इन छात्रों ने अपनी क्षमताओं को कितना विकसित किया। यह दिखाता है कि यदि विद्यालय को प्रतिभाशाली छात्र मिलते हैं, तो हम उन्हें 4-5 सालों में किस तरह से संवार सकते हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में मदद कर सकते हैं। यह हमारी संस्था के उन छात्रों के लिए एक बड़ा संदेश है जो शहरों की ओर देखते हैं – उत्कृष्टता आपके अपने गाँव में भी उपलब्ध है!
जाखड़ावाली: अब शिक्षा का नया केंद्र
इस शानदार प्रदर्शन ने न केवल विवेकानंद पब्लिक स्कूल का नाम रोशन किया है, बल्कि जाखड़ावाली गाँव का नाम भी पूरे राज्य भर में गर्व से ऊंचा कर दिया है। यह परिणाम क्षेत्र को शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने के हमारे सपने को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
हमने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा की गुणवत्ता किसी बड़ी शहर की इमारत या लाखों की फीस पर निर्भर नहीं करती, बल्कि शिक्षकों के समर्पण, छात्रों की लगन और एक दूरदर्शी नेतृत्व पर निर्भर करती है।विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली ने दिखाया है कि कैसे कम संसाधनों में भी बेहतरीन परिणाम दिए जा सकते हैं, और यह ग्रामीण भारत में शिक्षा के लिए एक नया मानदंड स्थापित करता है।
यह हमारी कामयाबी है, हमारी शैक्षणिक उपलब्धि है, और हमारे राज्य के नामी शिक्षण संस्थानों के बराबर खड़े होने का प्रमाण है।
क्या आप भी एक ऐसी संस्था का हिस्सा बनना चाहते हैं जहाँ आपके सपनों को पंख मिलें, और आप कम खर्च में भी देश के सर्वश्रेष्ठ परिणामों को चुनौती दे सकें? विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली आपके उज्ज्वल भविष्य की प्रतीक्षा कर रहा है!
2 responses to “विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली: जहाँ प्रतिभाएं प्रिंस स्कूल, सीकर को देती हैं टक्कर, कम खर्च में उच्च शिक्षा का अनूठा मॉडल!”
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**”मेरे लिए मेरा स्कूल सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं,
बल्कि एक परिवार है।
जहाँ गुरुजन माँ-बाप की तरह दुलारते हैं,
दोस्त भाई-बहनों जैसे साथ निभाते हैं।
हर खुशी, हर मुश्किल में मेरा स्कूल और वहाँ के लोग
हमेशा परिवार की तरह खड़े रहे।
गाँव का वो स्कूल, जहाँ किताबों से ज्यादा
इंसानियत, संस्कार और हिम्मत सिखाई जाती है।
गर्व है उस परिवार रूपी स्कूल पर। 🙏❤️”**
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Thankyou